आराधना
आराधना" विषय पर प्रस्तुत शानदार अभिव्यक्तियों में जिन दो रचनाओं का मैंने आज चयन किया है, वे क्रमशः साधना मिश्रा जी और शोभा ठाकुर जी की हृदयग्राही रचना है -
*आराधना* / उपासना/ साधना
उपासना तक जाने के हेतु
पहले करनी होती आराधना
प्रभु तक जाने का प्रथम मार्ग ,
माना जाता है आराधना
दूजा मार्ग यही बतलाता
इष्टदेव के निकट बैठना
नित मन को संयत ,करना,
है कहलाता उपासना
अभ्यास निरन्तर उन दोनों का
मानी जाती है साधना
साधना के बिना सिद्धि मिलती नहीं
इसलिए आओ मिलकर करें साधना,
मन को करें निर्मल, गंग के नीर सा ,
श्वास प्रति श्वास करने लगे आराधना
आराधना से जब शीश झुकने लगे
उद्देश्य जब सम्पूर्ण सधने लगे
बिगड़े सभी कार्य बनने लगे
मन प्रफुल्लित सदा जब रहने लगे
तो उपासना का हम करें अभ्यास
स्व इष्ट निकट बैठ मिलता सुकून
जब चरणों की रज का हो आभास
समझ लो अब यही समय आ गया
साधना की साध अब सधने लगी
मन तरंगित हो कुशल तार बजने लगे
हर अभियान मे सिद्धि मिलने लगे
समझ लो , साधना सफल हो गयी
साधना की साध अब सधने लगी
इष्ट से मन के तार जुड़ने लगे ,तो
"साधना" साधना की सफल हो गयी।
"साधना" की आराधना सार्थक हो गई।।
!! साधना मिश्रा "लखनवी" !!
आराधना
हे प्रभु कब आओगें
आराधना में है विश्व ये सारा
एक मायावी राक्षस है आया
भूतल पर उत्पात मचाने
भिन्न भिन्न रूपो को धरकर
मॄत्यु बांटने आया ...
अदृश्य शत्रु यह वायरस
अब ओमीक्रोन वेरियंट हैं
खतरनाक कोरोना का भूत
अब दुनिया को डराने आया
भयाक्रांत करूण पुकार
अब सुनिए जीवनदाता
आराधना के ये सुर्ख फूल
अर्पण है तेरे चरणो में..
मायावी कोरोना वायरस
अब कभी न आए धरती पर
वह हिरण्यकश्यप सा ही है
न जल में मरे, न थल में मरे
न अंदर मरे , न बाहर मरे
न दिन में मरे, न रात में मरे
न अस्त्र से मरे , न शस्त्र से मरे
वैक्सीन को भी चकमा देकर
बार बार राक्षस रूप दिखाए
प्रगट हो जाऐ .. प्रभु
नृसिंह के अवतार में
प्राणीमात्र की रक्षा में हृदय के
पुष्प समर्पित है आराधना के।
शोभा ठाकुर ।
कृपया आपसब पढ़ें और अपनी राय दें
जवाब देंहटाएंसभी को बधाई 👌✍️
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