हिंदी का कमाल


 

हिंदी सिर्फ भाषा नहीं हमारी पहचान है
 हिंद देश की भाषा है,यह भारत की शान है
 मां भारती के माथे की बिंदी है यह
 अजी हमारी मातृ भाषा है, हिंदी है यह
 बिंदी बिन जैसे सौंदर्य अधूरा लगता है
 हिंदी बिन अपना देश प्रेम अधूरा लगता है
 हिंदी को वैज्ञानिक भाषा कहा जाता है
 उसका लिखना और पढ़ना एक जैसा होता है |
 यह जितनी लचीली भाषा है 
 उतनी ही मीठी और रसीली भाषा है |
 दूसरी भाषा के शब्दों को स्वीकारती है यह 
 Ticket को टिकट ही पुकारती है
 यह रेलगाड़ी में अंग्रेजी के संग हिंदी बैठती है
 दूसरी भाषा के शब्दों संग फिट हो बैठती है 
 Rail अंग्रेजी का और गाड़ी हिंदी का
 दोनों को मिला रेलगाड़ी बना बैठती है |
 प्रेम को अलग-अलग ढंग से पुकारती है
 कभी स्नेह कभी वात्सल्य और कभी प्यार
 तो कभी ममता बनकर बच्चे को दुलारती है,|
 हिंदी में भाव की अभिव्यक्ति का जवाब नहीं
 इसलिए इस भाषा के भाव का जवाब नहीं
 इसके एक एक शब्द में जो गहराई है
 क्या किसी ने उसकी थाह कभी पाई है?
 मां बाप के प्रेम को ममता और वात्सल्य का नाम देती है |
 कम शब्दों में प्रेम का पैगाम देती है |
 कुछ शब्दों की हिंदी जब मुश्किल हुई
 तो विदेशी शब्दों को अपने में मिलाकर खुश हुई
 जैसे बल्ब को हिंदी में विद्युत प्रकाशक गोलक यंत्र  कहते हैं |
 हिंदी ने सोचा छोड़ो Bulb को बल्ब ही रहने देते हैं |
 बटन का अर्थ अस्त व्यस्त वस्त्र नियंत्रक होता है
 बार-बार इस शब्द समूह को बोलना असंभव होता है
 इसलिए हिंदी ने वस्त्रों में बटन लगा लिया |
 Button को बटन बना हिंदी में समा लिया |
 अजी देखा आपने हिंदी का कमाल
 कैसे-कैसे मचाती है यह धमाल
 इसकी बराबरी कोई भाषा नहीं कर पाएगी
 इसके जैसा लचीलापन कहां से ला पाएगी?

Thanks
Mrs Sandhya Sharma
Writer & Author of "Sandhya Surbhi"

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