"हमारा अभिमान बने हिंदी"
अभिनय नही, नहीं हमारा अभियान बने हिंदी
अभियान ही नहीं हमारा ,अभिमान बने हिंदी
अभिमान है यह देश का,सिरमौर इस परिवेश का मातृभाषा ही नहीं हमारी , पहचान बने हिंदी।।
मां भारती के वैभव का गुण गाने बने हिंदी
प्रत्येक भारतवासी का दिन मान बने हिंदी
सीखें कितनी हीभाषाएं,ना भूलें निज मातृभाषा
जाएं यदि विदेश भी ,तो सम्मान बने हिंदी
हर भारतवासी का ,प्रतिमान बने हिंदी ।।
नदी सहज जब बहती है तब ही
कल कल वह करती है ,
यदि मोड़ दिया रूख उसका,
तो वही प्रलय भी बनती है ,
मत छोड़ो अपनी भाषा को
ना खोने दो पहचान इसे
सिर झुकता नहीं किसी का भी
निज भाषा के गुणगान से
परिचय का सूत्र यही है
मित्रता की परिभाषा भी यह है
यह वागेश्वरी का वरद हस्त
ऋषि मुनियों का आशीष यही है
हिंदू की जीवन रेखा यह
सब ग्रंथों की लेखा है यह
कंठो से निकले हर ,स्वर का प्रतिमान बने हिंदी
हर भारतवासी का स्वाभिमान बने हिंदी
हमारा अभियान बने हिंदी
हमारा अभिमान बने हिंदी।।
!!! साधना मिश्रा !!!
बहुत बहुत आभार प्रिय रश्मिप्रभा जी
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