शिक्षक दिवस पर मेरी भावनाएँ, मेरे शब्द!!


 


आधार, वो जीवन ज्ञान का
धार, वो पथ- प्रवाह का।।

प्रकाश पुंज, वो अमावस में
प्रेरणा स्रोत, वो सत्य- संघर्ष में।।

स्नेहिल छाँव, वो तपती रेत पर
भागता पाँव, वो ज्ञान की खेत पर।।

सार्थक शब्द, वो निःशब्द भावनाओं का
गूढ़ परिभाषा, वो सापेक्ष कामनाओं का।।

सदाबहार फूल, वो हर बदलते ऋतु में
सगुन संगीत, वो हर वाद्य- यंत्र में।।

ईमानदार, वो रहता गुणों की तलाश में
पाता ऊँचा स्थान, वो गोविंद के पास में।।

एक सत्य मात- पिता, दूजा सत्य "गुरु" देव
जीवन हो सारहीन, गर न समझे सत्य प्रमेय।।

           

रश्मि रंजन
गाजियाबाद

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