गुरु वह,जो आपको सही राह दिखाए
मैंने जब अ' से अनार कहा
तब मेरी पहली पाठशाला मेरी माँ
बहुत खुश हुई
अक्षर अक्षर उसने अपनी कोशिशों से
मुझे शब्दों से भर दिया ।
एक दिन
जब पानी की बूंदें मेरे चेहरे पर पड़ीं
मेरे चेहरे पर मुस्कान उभरी
उसने कागज़ कलम देकर कहा -
'लिखो,क्या अनुभूति हुई'
मैं श्रेष्ठ शब्द भाव तलाशने लगी
जो उसके चेहरे पर मुस्कान ला दे
और मेरी और उसकी अनुभूतियों की दोस्ती हो जाए !
मैं लिखती गई
अच्छा-बुरा सबकुछ
वह पढ़ती
कुछ काट-छाँट करती
और मैं उस दिन के इंतज़ार में लिखती रही
जब वह काट-छाँट न कर पाये !
.....
मेरी गुरु मेरी माँ रहीं और गुरु दक्षिणा में मैंने उनको अपनी भावनाएं दीं, जिसे पढ़ते हुए उन्होंने अपनी डायरी में लिखा, "तुम्हारा लिखा पढ़ते हुए लगा कि मैंने लिखा है"
गुरु वह,जो आपको सही राह दिखाए और उस राह को आत्मसात कर हम गुरु को सम्मान दे सकें । सम्मान देने के लिए,गुरु के लिए कुछ कहने के लिए हमने शिक्षक दिवस चुना, इस दिन को सार्थक बनाएं और किसी भी विधा में हमें लिखकर भेजें और प्रतियोगिता में शामिल हो जाएं ।
रचना भेजने की अंतिम तिथि 3 सितम्बर 2021
बहुत सुंदर! ✌️💌
जवाब देंहटाएं