आरंभ - दूर तलक अनंत ❤️


मानसिक संशोधन, सामाजिक सरोकार, साहित्यिक गतिविधियांँ
 

टिप्पणियाँ

  1. गुरी ही वह श्रेष्ठ कुम्भकार है, जो एक अनगढ़ पत्थर को लग्न से तराशता है उसे एक बेशकीमती हीरा बना देता है।आरंभ पटल भी ऐसा गुरु है।जो नित नए पत्थरों को खोज कर हीरे में परिवर्तित कर रहा है और देश को साहित्य से समृद्ध कर रहा है
    साधना मिश्रा लखनवी

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